इस ब्लॉग में संसार चक्र से मुक्त होकर परमात्मा में स्थित होने की विधि का वर्णनन है।
दृश्य प्रपंच भगवान से पृथक नहीं है।यह भगवान का रूप है,उनका विलास है,उनका उल्लास है,उनकी लीला है। प्रस्तुत है,वैदिक (सनातन,हिंदू)विज्ञान की वहिरंग-अंतरंग झांकी।:-